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मेरी चाहत सिर्फ तुमसे

मेरी चाहत सिर्फ तुमसे भाग 1

नहीं नहीं नहीं! तुम मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकती। तुम मुझे जिंदगी के इस बीच सफर में अकेला छोड़कर नहीं जा सकती। मैं तुम्हारे बिना नहीं जी पाऊंगा, मुझे तुम्हारी जरूरत है वापस लौट आओ, प्लीज मिहिका लौट आओ वापस मेरे पास। मैं तुम्हारे बिना कुछ भी नहीं हूं, ना ही कभी हो सकता हूं,, मेरी जिंदगी की सुबह भी तुमसे होती है और शाम भी तुम पर ही खत्म होती हैं। मेरी शुरुआत भी तुमसे है मेरा अंत भी तुम हो। काश मैंने उस दिन तुम्हें अपनी सहेलियों के साथ शिमला जाने ही नहीं दिया होता तो आज तुम जिंदा होती, मेरे साथ होती। सब मेरी गलती है सबका कारण मैं ही हूं।मैं ही तुम्हारी मौत का जिम्मेदार हूं मुझे भी जीने का कोई हक नहीं है।

काश! तुम्हारी मौत के साथ-साथ मेरी जिंदगी की सांसे भी थम जाती और हमेशा के लिए तुम्हारे पास आ जाता पर कमबख्त मौत भी तो नहीं आती। वह ऊपर वाला मुझे तुम्हारे पास आने ही नहीं देता मिहिका। पर अब और नहीं,, मुझे तुम्हारे पास आने से अब कोई नहीं रोक सकता।मैं आ रहा हूं तुम्हारे पास मिहिका हमेशा के लिए तुम्हारा हो जाने के लिए यह कहकर रुद्राक्ष अपने हाथ में पकड़ी हुई शराब की बोतल को छत पर ही फेंक कर अपनी पत्नी मिहिका की तस्वीर को अपने सीने से लगाकर अपने बंगले की टॉप छत की दीवार पर चढ़ खुदने ही जा रहा था तभी रुद्राक्ष की बड़ी बहन राशि जाकर उसे हाथ से पकड़ पीछे खींच अपनी और धकेल देती है और रुद्राक्ष और राशि दोनों छत पर ही गिर जाते हैं।

उसी समय रुद्राक्ष की मां रूपाली और रुद्राक्ष के पापा अभिजीत सिंघल और रुद्राक्ष का छोटा भाई आर्यन और राशि का पति मोहित भी छत पर आ जाते हैं और आर्यन जाकर छत की फर्श पर गिरी हुई राशि को उठाता है और फिर रुद्राक्ष को सहारा देकर उठाने की कोशिश करते हैं आर्यन और मोहित पर रुद्राक्ष उन दोनों को धक्का देकर अपने से दूर कर देता है।

रुद्राक्ष उन दोनों पर चिल्लाते हुए कहता है दूर रहो मुझसे तुम दोनों और सभी की तरफ गुस्से से देखते हुए कहता है मैंने कहा ना दूर हो जाओ सभी मुझसे। अगर आप सभी यहां नहीं आए होते तो मैं अपनी मिहिका के पास होता इस समय। वह देखिए आसमान की तरफ मेरी मिहिका मुझे ऊपर से देख रही है मेरा इंतजार कर रही है कि कब मैं उसके पास जाऊं और हम दोनों हमेशा के लिए एक हो जाए कोई भी हम दोनों को दूर ना कर सके।

रुद्राक्ष की मां रूपाली रुद्राक्ष के पास जाकर उसके सिर पर हाथ फेर उसे समझाने की कोशिश करती है, रुद्राक्ष तुमने अपनी यह क्या हालत करती है,खुद को क्या से क्या बना दिया मिहिका के प्यार में।मिहिका हम सभी को हमेशा हमेशा के लिए छोड़कर जा चुकी है अब वापस कभी लौटकर नहीं आएगी। बेटा तुम मिहिका की याद में अपनी जिंदगी बर्बाद मत करो।

रुद्राक्ष अपनी मां को अपने से दूर कर देता है और कहता है चले जाइए आप सभी यहां से अभी इसी वक्त मुझे आप सबकी हमदर्दी की कोई जरूरत नहीं है, कोई जरूरत नहीं है मेरी ऐसी हालत पर तरस खाने की आप सभी तो वैसे भी कभी नहीं चाहते थे कि मैं मिहिका से शादी करूं उसे अपनी जिंदगी में लेकर आऊ, इस घर की बहू बनाऊ,आप सभी को तो अब खुश होना चाहिए कि मिहिका मुझे छोड़कर,इस घर को छोड़कर हमेशा के लिए चली गई। आप सभी को तो जश्न मनाना चाहिए तो जाइए जाकर जश्न मनाइए, पार्टी कीजिए प्लीज गो एंड एंजॉय और मुझे अपनी मिहिका की यादों के साथ अकेला छोड़ दीजिए मुझ पर इतना एहसान कर दीजिए।

रुद्राक्ष के जीजा जी यानी राशि के पति मोहित रुद्राक्ष के करीब आकर उसका हाथ पकड़ कहते हैं रुद्राक्ष प्लीज हम सभी के साथ नीचे चलो मौसम भी ठीक नहीं है लग रहा है हवाएं जोर-जोर से चल रही है तेज बारिश होने वाली है और तुम्हारी तबीयत खराब हो जाएगी वैसे भी तुम नशे की हालत में हो।

रुद्राक्ष कहता है मोहित जीजू मैंने कहा ना आप सभी से मुझे अकेला छोड़ दीजिए आप मेरी तबीयत की चिंता कर रहे हैं यहां तो मेरी पूरी जिंदगी खराब हो चुकी है और यह शराब का नशा तो मुझे मेरे गम को भुलाने में मेरी मदद करता है ।यही तो मेरी जिंदगी का आखरी सहारा है मेरी मिहिका के बाद और आप सभी मेरी इस शराब को कोस रहे हैं।

रुद्राक्ष का भाई आर्यन कहता है भाई प्लीज हम सब की बात मानिए और नीचे चलिए।मैं आपको आपके कमरे तक छोड़ देता हूं।

रुद्राक्ष गुस्से में चिल्ला कर कहता है आर्यन तुम्हें समझ नहीं आ रहा। मैं कब से क्या कह रहा हूं आप सब से, चले जाइए सभी यहां से मुझे अकेला छोड़ दीजिए वरना मैं अभी इसी वक्त छत से कूद कर अपनी जान दे दूंगा।

रुद्राक्ष के पापा अभिजीत सभी से कहते हैं आप सभी इस प्यार में पागल हो चुके लड़के को समझाने में अपना फिजूल समय बर्बाद कर रहे हो यह कभी नहीं सुधरेगा। यह अपनी पत्नी की याद में पूरी तरह दीवाना और पागल हो चुका है यह अब हमारा बेटा नहीं रहा मिहिका का पति है।इसे हम सभी की कोई परवाह नहीं है तो हम सभी को भी इसकी कोई परवाह नहीं करनी चाहिए। इसे समझाने का कोई फायदा नहीं चलिए यहां से सभी लोग यह कहकर अभिजीत वहां से जाने लगते हैं और अपनी पत्नी रूपाली का हाथ पकड़ उसे भी ले जाने लगते हैं और सभी से कहते हैं मैंने क्या कहा सुना नहीं किसी ने चलिए सभी नीचे और जाकर सो जाइए रात काफी हो चुकी है और इसे छोड़ दीजिए अकेला अपनी इस हालत में।

अभिजीत के कड़क लहजे में कहने पर सभी लोग रुद्राक्ष की तरफ लाचार नजरों से देखकर नीचे जाकर अपने-अपने कमरे में सोने के लिए चले जाते हैं।

रुद्राक्ष छत पर ही बेढंग तरीके से सोते हुए शराब की बोतल को मुंह से लगाए शराब पिए जा रहा था और मिहिका की तस्वीर को अपने सीने से लगाए रोए जा रहा था। सीने में दर्द लिए चिल्ला कर रुद्राक्ष का रहा था मिहिका तुमने मुझसे वादा किया था कि तुम मुझे कभी छोड़कर नहीं जाओगी तो फिर तुमने अपना वादा क्यों तोड़ दिया।

रुद्राक्ष आसमान की ओर देखकर जोरों से चिल्लाता है मिहिका....... उसी पल आसमान में जोर से बिजली कड़कती है और तेज बारिश होने लगती है और रुद्राक्ष उस बारिश की तेज बूंदों को छत पर लेटे हुए अपने ऊपर महसूस करता है और अपनी आंखों के आंसुओं को उस बारिश में बहाते हुए अपने गम को भुलाने की नाकामयाब कोशिश करता है पर यह बारिश उसके दिल के दर्द को कम करने के बजाय और बढ़ाने का काम कर रही थी।

यह है हमारी कहानी के हीरो मिस्टर रुद्राक्ष सिंघल जो कि अपने पापा अभिजीत सिंघल की ही तरह मुंबई के एक जाने-माने बिजनेसमैन है और अपने पापा के साथ मिलकर मुंबई की जानी मानी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी संभालते हैं। अगर लुक की बात करें तो मॉडर्न हेयर लुक, वेल सेट किए हुए बाल ,गोरा रंग, 6 फीट हाइट, चेहरे पर हल्की दाढ़ी जो उस लुक को और भी इंटेंस बनाती है। परफेक्ट एब्स, कशीला बदन और गहरी भूरी आंखें जिसमें दुनिया से जा चुकी अपनी पत्नी मिहिका के लिए बेहद प्यार नजर आता है और उम्र की बात करें तो लगभग 28 29 साल की होगी।

परिवार की बात करें तो उनसे आप मिल ही चुके हो फिर भी दोबारा परिचय करवा दूंगी नेक्स्ट भाग में।

यह मेरी पहली कहानी है लेखनी पर,, अगर आपको कहानी का पहला भाग पसंद आया और दूसरा भाग पढ़ना चाहते हैं तो मुझे ढेर सारे लाइक चाहिए पहले भाग पर ताकि दूसरा भाग जल्दी तक आप तक पहुंच सके।

आपके लाइक के इंतजार में और हां फॉलो भी जरूर करें।

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